अशोक का प्रभाव: छत्तीसगढ़ में मौर्य वंश का शासन

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मौर्य वंश का इतिहास

मौर्य वंश का शासन भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इस वंश ने कई शासकों को जन्म दिया, जिनमें सबसे प्रसिद्ध सम्राट अशोक हैं। उनकी शासनकाल के दौरान मौर्य साम्राज्य का विस्तार हुआ था, और उनके योगदान ने भारतीय राजनीति, समाज और धर्म पर गहरा प्रभाव डाला।

अशोक का शासन और उसके प्रभाव

अशोक का शासन, जो लगभग 268 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक चला, बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार का स्वर्ण युग माना जाता है। उनके समय में छत्तीसगढ़ सहित पूरे दक्षिण कौशल क्षेत्र में बौद्ध धर्म का तेजी से प्रसार हुआ। अशोक ने विभिन्न शिलालेखों के माध्यम से अपने विचारों और नीतियों को प्रकट किया, जिनमें से कई शिलालेख आज भी विद्यमान हैं।

छत्तीसगढ़ में बौद्ध धर्म का विकास

छत्तीसगढ़, मौर्य साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, और अशोक के प्रभाव से यहाँ बौद्ध धर्म ने अद्वितीय विकास किया। बौद्ध विहारों और स्तूपों के निर्माण ने इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध किया। अशोक के शिलालेख, जिनमें बुद्ध के सिद्धांतों का उल्लेख है, अभी भी विद्यमान हैं और यह दर्शाते हैं कि किस प्रकार बौद्ध धर्म ने समाज को सकारात्मक दिशा दी। इस प्रकार, अशोक का शासन और बौद्ध धर्म का प्रसार छत्तीसगढ़ के इतिहास में अमिट छाप छोड़ गया।

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