शरभपुरीय वंश और सिरपुर की ऐतिहासिक धरोहर

शरभपुरीय वंश की स्थापना

शरभपुरीय वंश का इतिहास छठी से सातवीं शताब्दी ईस्वी तक फैला हुआ है। इस वंश के प्रमुख राजा महाशिवगुप्त बालार्जुन थे, जिन्होंने सिरपुर को अपनी राजधानी बनाया। सिरपुर का यह चुनाव इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केंद्र बनाता है जहाँ कला और संस्कृति का विख्यात विकास हुआ।

सिरपुर की स्थापत्य कला

सिरपुर में लक्ष्मण मंदिर जैसे स्थलों के अवशेष शरभपुरीय काल की उत्कृष्ट स्थापत्य कला को दर्शाते हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि स्थापत्य शैली में भी अद्वितीय है। यहाँ की कलात्मकता और डिज़ाइन उस युग की प्रगति का परिचायक है।

संस्कृति और विरासत

शरभपुरीय वंश के समय सिरपुर ने कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की। राजा महाशिवगुप्त बालार्जुन की सभी गतिविधियाँ उस समय के सांस्कृतिक विकास में सहायक रही। सिरपुर आज भी उन सांस्कृतिक धरोहरों का प्रतीक है जो शरभपुरीय वंश के गौरव को व्यक्त करती हैं।

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