स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को जागरूक, प्रशिक्षित और राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनाना है। यह योजना स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित होकर तैयार की गई है, जो हमेशा युवाओं को समाज के लिए सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करते थे।
योजना का प्रारंभ
यह योजना 20 जून 2013 को शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को सकारात्मक दिशा में प्रशिक्षित करना और उन्हें अपने भविष्य के लिए बेहतर अवसर प्रदान करना है।
संचालन स्तर
इस योजना का संचालन जनपद पंचायत स्तर पर किया जाता है, जिससे यह योजना ग्राम स्तर तक प्रभावी रूप से लागू की जा सके। जनपद पंचायत द्वारा विभिन्न गांवों में कार्यशालाओं, प्रशिक्षणों और जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाता है।
उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है:
युवा शक्ति को राष्ट्र के विकास में योगदान का अवसर प्रदान करना।
ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को सशक्त बनाना और उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना।
संस्कारों, संस्कृति और शिक्षा के प्रति युवाओं को प्रेरित करना, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में सुधार ला सकें।
पात्रता
इस योजना के अंतर्गत 15 से 35 वर्ष की आयु के ग्रामीण क्षेत्र के युवक और युवतियाँ भाग ले सकते हैं। यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं को लक्षित करती है जो सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों से आते हैं।
प्रशिक्षण और गतिविधियाँ
इस योजना के तहत विभिन्न प्रकार के सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिए जाते हैं:
सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहन
ग्रामीण युवाओं को नृत्य, संगीत, नाटक जैसी सांस्कृतिक विधाओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।
इस प्रकार की गतिविधियाँ युवाओं को समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करती हैं।
पर्यावरण जागरूकता
युवाओं को पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और हरियाली के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और जागरूकता उत्पन्न होती है।
अंधविश्वास और रूढ़ीवाद के विरुद्ध जागरूकता
सामाजिक कुरीतियों और अंधविश्वासों से लड़ने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
यह युवाओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है।
प्राकृतिक आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण
बाढ़, भूकंप, आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय क्या करना चाहिए, इसका प्रशिक्षण दिया जाता है।
इस प्रशिक्षण से युवाओं को आपदा प्रबंधन के दौरान सही कदम उठाने की जानकारी मिलती है।
नशा मुक्ति अभियान
युवाओं के बीच नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाती है और उन्हें नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाता है।
यह अभियान विशेष रूप से गांवों में नशे के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए चलाया जाता है।
आधुनिक कृषि तकनीकी प्रशिक्षण
ग्रामीण युवाओं को उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी दी जाती है ताकि वे कृषि को अधिक लाभकारी बना सकें।
इस प्रशिक्षण से युवाओं को आधुनिक कृषि विधियों, सिंचाई तकनीकियों और फसल प्रबंधन के बारे में जानकारी मिलती है।
निष्कर्ष
स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना न केवल युवाओं को सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक बनाती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मार्ग भी दिखाती है। यह योजना छत्तीसगढ़ के ग्रामीण विकास और सामाजिक सुधार में अहम भूमिका निभा रही है। इसके माध्यम से राज्य के युवा न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बना रहे हैं, बल्कि पूरे समाज को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं।
Q. स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना का प्रारंभ कब हुआ था?
- A. 20 जून 2012
- B. 20 जून 2013
- C. 15 अगस्त 2014
- D. 1 जनवरी 2015
Q. स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना का संचालन किस स्तर पर किया जाता है?
- A. ग्राम पंचायत
- B. जिला पंचायत
- C. जनपद पंचायत
- D. राज्य स्तर
Q. स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत किस आयु वर्ग के युवाओं को शामिल किया जाता है?
- A. 18 से 40 वर्ष
- B. 15 से 35 वर्ष
- C. 20 से 30 वर्ष
- D. 25 से 40 वर्ष
Q. स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- A. ग्रामीण युवाओं को रोजगार प्रदान करना
- B. युवा शक्ति को राष्ट्र के विकास में योगदान का अवसर प्रदान करना
- C. युवाओं को सरकारी नौकरी दिलवाना
- D. युवा किसानों को कृषि यंत्र देना
Q. स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना में कौन-कौन सी गतिविधियाँ दी जाती हैं?
- A. नशा मुक्ति अभियान
- B. सांस्कृतिक गतिविधियाँ
- C. पर्यावरण जागरूकता
- D. उपरोक्त सभी
Q. स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना में प्राकृतिक आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण किसको दिया जाता है?
- A. किसानों को
- B. शहरी युवाओं को
- C. ग्रामीण युवाओं को
- D. सरकारी कर्मचारियों को