मिनी स्टेडियम योजना: ग्रामीण युवाओं के खेल भविष्य की मजबूत नींव

भारत के ग्रामीण युवाओं में छिपी खेल प्रतिभा को मंच देने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में ‘मिनी स्टेडियम योजना’ की शुरुआत की गई। इस योजना का उद्देश्य न केवल खेल के प्रति रुचि बढ़ाना है, बल्कि खेल मैदानों की कमी को भी दूर करना है। आइए विस्तार से जानते हैं इस योजना के उद्देश्य, पात्रता और अब तक की प्रगति के बारे में।


🔶 योजना की शुरुआत

  • वर्ष: 2015-16

  • शुरुआत: खेल एवं युवा कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़

  • वर्तमान में: यह योजना मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजनांतर्गत संचालित की जा रही है।


🎯 उद्देश्य

  • ग्रामीण अंचल में खेल के प्रति जागरूकता लाना।

  • खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना और उनके लिए एक मंच तैयार करना।

  • युवाओं को उपयुक्त खेल मैदान उपलब्ध कराना।


✅ पात्रता

मापदंड

विवरण

ग्राम पंचायत की जनसंख्या

कम से कम 3000 या उससे अधिक

भूमि की आवश्यकता

मिनी स्टेडियम निर्माण हेतु 3 से 5 एकड़ भूमि


🏗️ अब तक की उपलब्धियाँ (जनवरी 2025 तक)

  • मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के अंतर्गत इस योजना को शामिल किया गया है।

  • जनवरी 2025 तक कुल 205 मिनी स्टेडियम निर्माण हेतु अनुशंसा की जा चुकी है।

  • यह आंकड़ा छत्तीसगढ़ के ग्रामीण विकास और खेल अवसंरचना को गति देने का प्रतीक है।


📌 योजना का महत्व

  • ग्रामीण युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरणा मिलती है।

  • खेल प्रतिभाओं को स्थानीय स्तर पर अभ्यास का अवसर मिलता है।

  • शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

  • खेलों के माध्यम से नशामुक्ति, अनुशासन और टीम भावना को बढ़ावा मिलता है।


📝 निष्कर्ष

मिनी स्टेडियम योजना छत्तीसगढ़ सरकार का एक दूरदर्शी कदम है जो ग्राम स्तर पर खेल क्रांति लाने की दिशा में कार्य कर रही है। यह योजना आने वाले वर्षों में राज्य को नए प्रतिभावान खिलाड़ियों से समृद्ध करेगी और “खेलो इंडिया” के सपने को जमीनी हकीकत बनाएगी।



📢 क्या आपके गांव में भी मिनी स्टेडियम की आवश्यकता है?

तो संबंधित ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत से संपर्क करें और योजना का लाभ उठाएं!

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