त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में क्षमता विकास योजना

त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में क्षमता विकास योजना: ग्रामीण शासन को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2016-17 से त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका को अधिक प्रभावी और सशक्त बनाने के लिए क्षमता विकास योजना प्रारंभ की। यह योजना राज्य पोषित है और ग्रामीण शासन तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है।


📌 योजना का संक्षिप्त परिचय

तत्व

विवरण

🏢 योजना का नाम

त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में क्षमता विकास योजना

🗓️ प्रारंभ वर्ष

2016-17

💰 वित्तीय सहायता

100% राज्य पोषित योजना

🎯 उद्देश्य

पंचायती राज संस्थाओं की क्षमता वृद्धि हेतु प्रशिक्षण, अधोसंरचना विकास एवं सुविधा विस्तार


🎯 योजना का उद्देश्य

इस योजना का मूल उद्देश्य राज्य के त्रि-स्तरीय पंचायती राज तंत्र — ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत — को अधिक कार्यकुशल, आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाना है, ताकि वे अपने कार्यों का बेहतर संचालन कर सकें।

इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं:

  • पंचायती प्रतिनिधियों, कर्मचारियों और संबंधित स्टाफ के लिए प्रशिक्षण संस्थानों का संचालन

  • पंचायत भवनों का संवर्द्धन, अनुरक्षण एवं अतिरिक्त निर्माण कार्य

  • पंचायत स्तर पर अधोसंरचना सुविधाओं में वृद्धि

  • पंचायत संचालन से जुड़ी सुविधाओं का विस्तार


🏗️ योजना के अंतर्गत किए जाने वाले प्रमुख कार्य

क्षेत्र

कार्य

🏫 प्रशिक्षण

त्रि-स्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों को प्रशासन, बजट, योजना निर्माण, जनकल्याण आदि विषयों पर प्रशिक्षण

🏠 भवन निर्माण एवं अनुरक्षण

पंचायत भवनों का अतिरिक्त कक्ष निर्माण, मरम्मत, रंग-रोगन, फर्नीचर आदि की व्यवस्था

🔧 सुविधा विस्तार

कार्यालय संचालन हेतु आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता जैसे – कंप्यूटर, इंटरनेट, बिजली, फाइलिंग सिस्टम आदि

🔄 इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन

अधोसंरचना को आधुनिक स्वरूप देना ताकि पंचायतें डिजिटल और प्रभावी कार्यप्रणाली अपना सकें


🌟 योजना का महत्व

  1. स्थानीय शासन को मजबूती

    इससे पंचायतें अपने अधिकारों और कर्तव्यों को अधिक प्रभावशाली ढंग से निभा पा रही हैं।

  2. प्रशासनिक दक्षता में सुधार

    प्रशिक्षणों से पंचायत प्रतिनिधि योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन में सक्षम हो रहे हैं।

  3. भौतिक संसाधनों का विकास

    पंचायत भवन अब जनसुनवाई, बैठकों और विकास योजनाओं के लिए बेहतर केंद्र बन गए हैं।

  4. डिजिटल पंचायत की ओर कदम

    सुविधा विस्तार से ग्राम पंचायतें धीरे-धीरे डिजिटल युग की ओर अग्रसर हो रही हैं।


✅ निष्कर्ष

त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में क्षमता विकास योजना राज्य शासन की एक दूरदर्शी पहल है जो स्थानीय शासन व्यवस्था को जमीनी स्तर पर सशक्त, प्रशिक्षित और आधुनिक बना रही है। यह योजना न केवल पंचायती प्रतिनिधियों की कार्यक्षमता को बढ़ा रही है, बल्कि ग्राम विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

“सशक्त पंचायत, सशक्त गांव – यही है आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की नींव।”

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