ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क संपर्क का सशक्त नेटवर्क बनाना किसी भी राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास की रीढ़ होता है। इसी उद्देश्य को साकार करने के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) की वित्तीय सहायता से भारत के 5 राज्यों में ग्रामीण सम्पर्क प्रशिक्षण अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की गई।
इस केन्द्र की स्थापना दिसंबर 2014 में डॉ. प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान, निमोरा से हुई थी। वर्तमान में यह केन्द्र ग्राम झांझ, नया रायपुर से संचालित हो रहा है।
उद्देश्य:
ग्रामीण सम्पर्क प्रशिक्षण अनुसंधान केन्द्र की स्थापना निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए की गई है:
1. प्रशिक्षण और तकनीकी विकास
ग्रामीण सड़क निर्माण कार्य में लगे अभियंताओं को गुणवत्ता युक्त, उपयोगी और मजबूत सड़कों के निर्माण के लिए तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करना।
2. प्रबंधन और रख-रखाव
पहले से निर्मित ग्रामीण सड़कों और परिसंपत्तियों के उचित प्रबंधन हेतु प्रशिक्षण प्रदान करना।
3. कम लागत वाले निर्माण को बढ़ावा
कम लागत वाली सड़कों के निर्माण हेतु अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहित करना।
4. सूचना और संचार कौशल का विकास
सूचना संचार प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों को आवश्यक प्रबंधन कौशल का प्रशिक्षण देना।
5. यांत्रिक अभियंताओं और पंचायती राज संस्थाओं का प्रशिक्षण
सिविल इंजीनियर्स, तकनीकी स्टाफ और पंचायती राज से जुड़े लोगों को उन्नत प्रशिक्षण उपलब्ध कराना।
6. सामग्री परीक्षण प्रयोगशाला की सुविधा
सड़कों के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली सामग्रियों के परीक्षण के लिए राज्य स्तरीय लैब (Material Testing Lab) की सुविधा देना।
निष्कर्ष:
ग्रामीण सम्पर्क प्रशिक्षण अनुसंधान केन्द्र न केवल सड़क निर्माण के तकनीकी पक्ष को सशक्त करता है, बल्कि वह स्थानीय जनों को बेहतर सड़क सुविधाएं देकर उनके जीवन स्तर को भी ऊपर उठाता है। इस तरह के केन्द्र देश के ग्रामीण विकास के लिए एक मजबूत आधारशिला साबित हो सकते हैं।
📌 आप क्या सोचते हैं?
क्या आपके क्षेत्र में भी ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता में सुधार आया है? कमेंट में ज़रूर बताएं।
यदि आप पंचायत या विकास से जुड़े हैं, तो इस ब्लॉग को WhatsApp या Facebook पर जरूर शेयर करें – ताकि अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।