
🌾 परिचय
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अन्नपूर्णा योजना का उद्देश्य उन जरूरतमंद वृद्धजनों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराना है, जो इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS) के लिए पात्र तो हैं, लेकिन किसी कारणवश उन्हें पेंशन प्राप्त नहीं हो रही है।
यह योजना मानवता और सामाजिक सुरक्षा का प्रतीक है, जो देश के वृद्धजनों को भूखमरी से बचाने और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने में सहायता प्रदान करती है।
📅 प्रारंभ वर्ष
2000-01
🎯 उद्देश्य
वृद्धजनों को आजीविका में सहारा देना।
जो लोग IGNOAPS के लिए पात्र होते हुए भी पेंशन प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें खाद्य सुरक्षा देना।
गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को सहारा देना।
✅ पात्रता (Eligibility)
पात्रता की शर्तें |
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1. लाभार्थी 60 वर्ष या उससे अधिक आयु का होना चाहिए। |
2. गरीबी रेखा (BPL) से नीचे जीवन यापन करने वाला होना चाहिए। |
3. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए पात्र तो हो, लेकिन पेंशन प्राप्त न कर रहा हो। |
🍚 लाभ (Benefits)
✅ पात्र लाभार्थियों को प्रतिमाह 10 किलोग्राम खाद्यान्न (गेहूं/चावल) निःशुल्क प्रदान किया जाता है।
🏢 योजना का क्रियान्वयन
यह योजना राज्य सरकारों के माध्यम से क्रियान्वित की जाती है।
खाद्यान्न का वितरण पीडीएस (PDS – Public Distribution System) यानी सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा किया जाता है।
लाभार्थी को राशन कार्ड अथवा अन्य निर्धारित दस्तावेजों के आधार पर खाद्यान्न प्राप्त होता है।
📄 आवश्यक दस्तावेज
आयु प्रमाण पत्र (जैसे: आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र)
गरीबी रेखा में नाम दर्ज होना
राशन कार्ड / परिवार समग्र कार्ड
पेंशन प्राप्त न होने का प्रमाण / स्वघोषणा पत्र
🌟 योजना की विशेषताएं
पेंशन से वंचित वृद्धजनों को सीधे खाद्य सहायता।
किसी भी प्रकार की राशि नहीं दी जाती, बल्कि भौतिक खाद्यान्न वितरण होता है।
वृद्धजनों के लिए भूख और भरण-पोषण की चिंता को दूर करती है।
IGNOAPS से अलग, लेकिन उसी के पूरक के रूप में कार्य करती है।
📊 प्रभाव व महत्त्व
सामाजिक सुरक्षा का एक मजबूत उदाहरण
उन वृद्धों की सहायता करता है, जो किसी कारणवश पेंशन लाभ से वंचित रह गए हैं
ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रभावी साधन