ग्रामीण भारत की आर्थिक सुरक्षा, बेरोजगारी उन्मूलन और सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम था — महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005। यह योजना भारत के इतिहास की पहली कानूनी रूप से गारंटीड रोजगार योजना है, जो ग्रामीण परिवारों को साल में 100 दिन का मजदूरी कार्य सुनिश्चित करती है।
🗓️ प्रमुख तिथियाँ
घटना | तिथि |
---|---|
🔹 अधिनियम पारित | 23 अगस्त 2005 |
🔹 अधिसूचना जारी | 07 सितंबर 2005 |
🔹 छत्तीसगढ़ में लागू | 02 फरवरी 2006 |
🎯 उद्देश्य
“हर ग्रामीण परिवार के ऐसे वयस्क सदस्य को जो अकुशल श्रम करने को इच्छुक हो, एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराना।”
इस उद्देश्य के माध्यम से योजना का लक्ष्य है:
ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी को कम करना
मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना
गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना
जल, जंगल और जमीन जैसे स्थानीय संसाधनों का संरक्षण करना
👨🌾 मुख्य विशेषताएं
✅ कानूनी गारंटी के तहत रोजगार – हर पात्र परिवार को मांग के अनुसार कार्य देना अनिवार्य है।
✅ कार्य न मिलने पर सरकार को भत्ता (Unemployment Allowance) देना होता है।
✅ महिलाओं के लिए 1/3 आरक्षण अनिवार्य।
✅ मजदूरी भुगतान बैंक या डाकघर के माध्यम से सीधे खाते में।
✅ योजना के अंतर्गत जल संरक्षण, सिंचाई, सड़क निर्माण, तालाब खुदाई आदि कार्य कराए जाते हैं।
🧑🤝🧑 पात्रता
पात्रता मापदंड | विवरण |
---|---|
🔹 आवेदनकर्ता | ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाला परिवार |
🔹 उम्र | 18 वर्ष या उससे अधिक का कोई भी वयस्क |
🔹 कार्य प्रकार | अकुशल श्रम कार्य के इच्छुक व्यक्ति |
💰 वेतन और भुगतान
मजदूरी राज्य सरकार द्वारा तय की जाती है (छत्तीसगढ़ में यह समय-समय पर अद्यतन होती है)।
कार्य की मापदारी के आधार पर पारदर्शी भुगतान प्रणाली अपनाई जाती है।
7 से 15 दिनों के भीतर मजदूरी का भुगतान आवश्यक।
📍 छत्तीसगढ़ में क्रियान्वयन
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा MGNREGA को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में यह योजना:
गरीबों के जीवनस्तर में सुधार
प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद राहत
महिलाओं की सामाजिक भागीदारी में वृद्धि
स्थानीय संसाधनों का विकास
जैसे अनेक स्तरों पर योगदान दे रही है।
📖 परीक्षा उपयोगी तथ्य
बिंदु | विवरण |
---|---|
🔹 योजना का नाम | महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) |
🔹 अधिनियम पारित | 23 अगस्त 2005 |
🔹 अधिसूचना जारी | 7 सितंबर 2005 |
🔹 छत्तीसगढ़ में प्रारंभ | 2 फरवरी 2006 |
🔹 कार्य के दिन | प्रति वर्ष न्यूनतम 100 दिन |
🔹 कार्य प्रकार | अकुशल श्रम |
🔹 महिलाओं के लिए आरक्षण | 33% |
🔚 निष्कर्ष
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) आज भी ग्रामीण भारत के लिए रोजगार की गारंटी, सम्मानजनक जीवन और सशक्तिकरण का माध्यम है। यह योजना न केवल रोजगार देती है, बल्कि स्थानीय विकास कार्यों के माध्यम से ग्रामों की आत्मनिर्भरता की ओर भी एक मजबूत कदम है।