इतिहास

पांडुवंशी वंश का इतिहास: दक्षिण कौशल पर एक नजर

पांडुवंशी वंश का परिचय पांडुवंशी वंश, जो सातवीं से दसवीं शताब्दी ईस्वी के मध्य अस्तित्व में था, दक्षिण कौशल में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरा। इस वंश के शासकों ने सिरपुर को अपनी राजधानी बनाकर वहाँ अपनी प्रशासनिक और सामरिक शक्ति को स्थापित किया। पांडुवंशी शासकों का शासनकाल दक्षिण भारत के लिए एक […]

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a large building with a domed roof with Hungarian Parliament Building in the background
इतिहास

शरभपुरीय वंश: सिरपुर की ऐतिहासिक यात्रा

शरभपुरीय वंश का परिचय शरभपुरीय वंश, जो छठी से सातवीं शताब्दी ईस्वी के बीच सक्रिय था, भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस वंश के महान राजा महाशिवगुप्त बालार्जुन ने सिरपुर को अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया। यह स्थान न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि कला और संस्कृति के

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इतिहास और संस्कृति

शरभपुरीय वंश और सिरपुर की ऐतिहासिक धरोहर

शरभपुरीय वंश की स्थापना शरभपुरीय वंश का इतिहास छठी से सातवीं शताब्दी ईस्वी तक फैला हुआ है। इस वंश के प्रमुख राजा महाशिवगुप्त बालार्जुन थे, जिन्होंने सिरपुर को अपनी राजधानी बनाया। सिरपुर का यह चुनाव इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केंद्र बनाता है जहाँ कला और संस्कृति का विख्यात विकास हुआ। सिरपुर की स्थापत्य कला सिरपुर

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white sheep on green grass field during daytime
इतिहास

सातवाहन वंश का इतिहास और आर्थिक विकास

परिचय सातवाहन वंश का शासन भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, विशेष रूप से पहली शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी ईस्वी के बीच। दक्षिण कौशल क्षेत्र पर उनके नियंत्रण ने इस समय के दौरान व्यापार और कृषि को बहुत अधिक बढ़ावा दिया। इसके साथ ही, इस वंश ने विभिन्न सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों

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statues
भारतीय इतिहास

अशोक का प्रभाव: छत्तीसगढ़ में मौर्य वंश का शासन

मौर्य वंश का इतिहास मौर्य वंश का शासन भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इस वंश ने कई शासकों को जन्म दिया, जिनमें सबसे प्रसिद्ध सम्राट अशोक हैं। उनकी शासनकाल के दौरान मौर्य साम्राज्य का विस्तार हुआ था, और उनके योगदान ने भारतीय राजनीति, समाज और धर्म पर गहरा प्रभाव डाला। अशोक

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शिक्षा

CBSE बोर्ड 10वीं के इंग्लिश एग्‍जाम की तैयारी: सैंपल पेपर डाउनलोड करें

15 जनवरी को होने वाला इंग्लिश एग्‍जाम CBSE बोर्ड कक्षा 10वीं के एग्‍जाम 15 जनवरी से शुरू होने जा रहे हैं। पहला पेपर इंग्लिश का होगा, जो सुबह 10:30 बजे से प्रारंभ होगा। इस परीक्षा में छात्रों को 3 घंटे में 80 अंकों के प्रश्न हल करने होंगे। एग्‍जाम की तैयारी के लिए सही रणनीति

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इतिहास

महाजनपद काल में छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक महत्व

महाजनपद काल और दक्षिण कौशल महाजनपद काल में छत्तीसगढ़ दक्षिण कौशल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। दक्षिण कौशल, जो कौशल महाजनपद के दक्षिणी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, का व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान था। महानदी घाटी के क्षेत्र ने प्राकृतिक संसाधनों और व्यापारिक गतिविधियों के कारण समृद्धि को अनुभव किया। यह ऐतिहासिक

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brass-colored garden water can on brown table
इतिहास

छत्तीसगढ़ में ताम्रपाषाण युग: एक ऐतिहासिक अध्ययन

ताम्रपाषाण युग का परिचय छत्तीसगढ़ में ताम्रपाषाण युग का समय वह था जब तांबे के औजारों का उपयोग बढ़ने लगा। यह युग मानव सभ्यता के विकास में एक महत्वपूर्ण चरण का प्रतिनिधित्व करता है। यह वह समय था जब लोग न केवल अपने परिवेश से सामंजस्य बैठाने लगे थे, बल्कि उन्होंने कृषि और पशुपालन जैसे

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प्रारंभिक मानवता

छत्तीसगढ़ में पाषाण युग का अध्ययन

पुरापाषाण युग के प्रमाण छत्तीसगढ़ में पाषाण युग के विभिन्न कालों का अध्ययन करने पर हमें पुरापाषाण युग के कई महत्वपूर्ण प्रमाण मिलते हैं। विशेष रूप से रायगढ़, सरगुजा और बिलासपुर जिलों में इस युग के औजार पाए गए हैं। इस काल में मानव ने पत्थरों से निर्मित औजारों का उपयोग प्रारंभ किया। ये औजार

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pink lotus flower on water
इतिहास और संस्कृति

छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास: महाकोशल क्षेत्र और जनजातीय समुदाय

महाकोशल क्षेत्र का परिचय छत्तीसगढ़ राज्य, जो महाकोशल क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है, का इतिहास बहुत ही समृद्ध और विविधतापूर्ण है। प्राचीन काल में इस क्षेत्र में कई जनजातियाँ निवास करती थीं, जिनमें गोंड, हल्बा, बैगा और उरांव जैसे समुदाय शामिल हैं। महाकोशल क्षेत्र न केवल भूगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक

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