इतिहास

low angle photography of beige concrete building
इतिहास

बस्तर क्षेत्र का प्रारंभिक इतिहास: गोंड जनजाति और काकतीय शासक

बस्तर क्षेत्र का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बस्तर क्षेत्र, भारतीय उपमहाद्वीप का एक समृद्ध और विविधित क्षेत्र है, जो अपने शुरुआती इतिहास में गोंड जनजातियों का गढ़ था। गोंड जनजाति ने इस क्षेत्र में स्वतंत्रता के साथ शासन किया और उनकी सांस्कृतिक धरोहर आज भी देखने को मिलती है। गोंड जनजाति का प्रभाव प्रारंभिक कल में, बस्तर […]

बस्तर क्षेत्र का प्रारंभिक इतिहास: गोंड जनजाति और काकतीय शासक Read Post »

temple during nighttime
इतिहास

कलचुरी वंश का इतिहास: संस्कृति और स्थापत्य का विकास

कलचुरी वंश का परिचय कलचुरी वंश का उदय 12वीं से 14वीं शताब्दी ईस्वी में छत्तीसगढ़ क्षेत्र में हुआ। इस वंश ने यहां दीर्घकाल तक शासन किया और छत्तीसगढ़ के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान बनाया। रतनपुर, जो कि कलचुरी वंश की राजधानी थी, ने इस समय में सांस्कृतिक और स्थापत्य विकास के मामले में असाधारण प्रगति

कलचुरी वंश का इतिहास: संस्कृति और स्थापत्य का विकास Read Post »

grayscale photography of man standing near studio camera and woman sitting while holding book
इतिहास

सोमवंशी वंश का इतिहास: 10वीं से 12वीं शताब्दी तक

सोमवंशी वंश की स्थापना सोमवंशी वंश का इतिहास छत्तीसगढ़ की धरती पर 10वीं से 12वीं शताब्दी तक फैला हुआ है। इस वंश के शासकों ने दक्षिण कौशल पर अपनी पकड़ मजबूत की। सोमवंशी शासकों का उद्देश्य क्षेत्र में सत्ता स्थापित करना और अपने अधीन आने वाले लोगों की भलाई के लिए प्रयास करना था। धार्मिक

सोमवंशी वंश का इतिहास: 10वीं से 12वीं शताब्दी तक Read Post »

इतिहास

पांडुवंशी वंश का इतिहास: दक्षिण कौशल पर एक नजर

पांडुवंशी वंश का परिचय पांडुवंशी वंश, जो सातवीं से दसवीं शताब्दी ईस्वी के मध्य अस्तित्व में था, दक्षिण कौशल में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरा। इस वंश के शासकों ने सिरपुर को अपनी राजधानी बनाकर वहाँ अपनी प्रशासनिक और सामरिक शक्ति को स्थापित किया। पांडुवंशी शासकों का शासनकाल दक्षिण भारत के लिए एक

पांडुवंशी वंश का इतिहास: दक्षिण कौशल पर एक नजर Read Post »

a large building with a domed roof with Hungarian Parliament Building in the background
इतिहास

शरभपुरीय वंश: सिरपुर की ऐतिहासिक यात्रा

शरभपुरीय वंश का परिचय शरभपुरीय वंश, जो छठी से सातवीं शताब्दी ईस्वी के बीच सक्रिय था, भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस वंश के महान राजा महाशिवगुप्त बालार्जुन ने सिरपुर को अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया। यह स्थान न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि कला और संस्कृति के

शरभपुरीय वंश: सिरपुर की ऐतिहासिक यात्रा Read Post »

white sheep on green grass field during daytime
इतिहास

सातवाहन वंश का इतिहास और आर्थिक विकास

परिचय सातवाहन वंश का शासन भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, विशेष रूप से पहली शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी ईस्वी के बीच। दक्षिण कौशल क्षेत्र पर उनके नियंत्रण ने इस समय के दौरान व्यापार और कृषि को बहुत अधिक बढ़ावा दिया। इसके साथ ही, इस वंश ने विभिन्न सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों

सातवाहन वंश का इतिहास और आर्थिक विकास Read Post »

statues
इतिहास

महाजनपद काल में छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक महत्व

महाजनपद काल और दक्षिण कौशल महाजनपद काल में छत्तीसगढ़ दक्षिण कौशल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। दक्षिण कौशल, जो कौशल महाजनपद के दक्षिणी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, का व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान था। महानदी घाटी के क्षेत्र ने प्राकृतिक संसाधनों और व्यापारिक गतिविधियों के कारण समृद्धि को अनुभव किया। यह ऐतिहासिक

महाजनपद काल में छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक महत्व Read Post »

brass-colored garden water can on brown table
इतिहास

छत्तीसगढ़ में ताम्रपाषाण युग: एक ऐतिहासिक अध्ययन

ताम्रपाषाण युग का परिचय छत्तीसगढ़ में ताम्रपाषाण युग का समय वह था जब तांबे के औजारों का उपयोग बढ़ने लगा। यह युग मानव सभ्यता के विकास में एक महत्वपूर्ण चरण का प्रतिनिधित्व करता है। यह वह समय था जब लोग न केवल अपने परिवेश से सामंजस्य बैठाने लगे थे, बल्कि उन्होंने कृषि और पशुपालन जैसे

छत्तीसगढ़ में ताम्रपाषाण युग: एक ऐतिहासिक अध्ययन Read Post »

You cannot copy content of this page

Scroll to Top