जानिए छत्तीसगढ़ की निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना की पूरी जानकारी – पात्रता, सहायता राशि, दस्तावेज व आवेदन प्रक्रिया। दिव्यांगजन के विवाह को बढ़ावा देने हेतु सरकारी योजना।
📌 परिचय
समाज में दिव्यांगजन (निःशक्तजन) को समान अवसर प्रदान करना एवं उन्हें सामाजिक रूप से स्वावलंबी बनाना सरकार की एक महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी है। “निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना” इसी दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। इस योजना का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के सामाजिक पुनर्वास, स्वाभिमान, और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
🎯 उद्देश्य
इस योजना के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों को विवाह हेतु प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है, जिससे वे एक सम्मानजनक पारिवारिक जीवन जी सकें।
👩❤️👨 पात्रता
मापदंड | विवरण |
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आवेदक की स्थिति | छत्तीसगढ़ का स्थायी निवासी होना अनिवार्य |
आयु सीमा | 👩 महिला: 18-45 वर्ष👨 पुरुष: 21-45 वर्ष |
आर्थिक स्थिति | आयकर दाता नहीं होना चाहिए |
दिव्यांगता | पति या पत्नी में से कम से कम एक का दिव्यांग (निःशक्त) होना आवश्यक |
💰 लाभ राशि
स्थिति | सहायता राशि |
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केवल वर या वधु दिव्यांग | ₹50,000/- |
वर एवं वधु दोनों दिव्यांग | ₹1,00,000/- |
सहायता राशि विवाह उपरांत संबंधित पात्र दंपति को सीधे बैंक खाते में दी जाती है।
📝 आवश्यक दस्तावेज
निवास प्रमाण पत्र (छत्तीसगढ़ राज्य का)
आय प्रमाण पत्र (आयकर दाता नहीं होने का प्रमाण)
विवाह प्रमाण पत्र / विवाह रजिस्ट्रेशन
दिव्यांगता प्रमाण पत्र (मेडिकल बोर्ड से मान्य)
बैंक पासबुक की छायाप्रति
आधार कार्ड
🏢 योजना का संचालन
यह योजना छत्तीसगढ़ राज्य सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती है।
📋 आवेदन प्रक्रिया
ब्लॉक या जिला कार्यालय (सामाजिक न्याय विभाग) से आवेदन पत्र प्राप्त करें।
सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
आवेदन पत्र पूर्ण रूप से भरकर जमा करें।
पात्रता सत्यापन के बाद सहायता राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से लाभार्थी के खाते में भेज दी जाती है।
🔍 योजना की विशेषताएँ
दिव्यांगों के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित होती है।
दिव्यांगजन को आर्थिक सहयोग और सामाजिक सम्मान प्राप्त होता है।
यह योजना समानता और समावेशन के सिद्धांतों पर आधारित है।
✅ निष्कर्ष
निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना केवल एक आर्थिक सहायता योजना नहीं है, बल्कि यह दिव्यांगजनों को समाज में बराबरी का स्थान दिलाने का एक प्रयास है। यह उन्हें जीवन के एक नए चरण में आत्मनिर्भर बनने का आत्मबल और प्रेरणा देती है।