जानिए प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY) के तहत अनुसूचित जाति बहुल ग्रामों के समग्र विकास की रणनीति, वित्त पोषण, चयनित ग्रामों की सूची और छत्तीसगढ़ में प्रगति की पूरी जानकारी।
📅 योजना की शुरुआत
विवरण | जानकारी |
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राष्ट्रीय स्तर पर प्रारंभ | वर्ष 2009-10 |
छत्तीसगढ़ में लागू | वर्ष 2015-16 |
संचालक मंत्रालय | अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली |
🎯 उद्देश्य
अनुसूचित जाति (SC) बहुल गाँवों में सामाजिक, आर्थिक और आधारभूत ढांचे का विकास कर उन्हें आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करना।
💰 वित्तीय व्यवस्था
स्रोत | योगदान |
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केंद्र सरकार | 50% |
राज्य सरकार | 50% |
यह योजना साझा वित्तीय जिम्मेदारी पर आधारित है, जिससे राज्य और केंद्र सरकार मिलकर ग्रामों का सतत विकास सुनिश्चित करती हैं।
🗺️ छत्तीसगढ़ में योजना का क्रियान्वयन
📌 प्रथम चरण – चयनित जिले एवं ग्राम
जिला | चयनित ग्रामों की संख्या |
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बेमेतरा | 30 ग्राम |
बलौदाबाजार | 40 ग्राम |
जांजगीर-चांपा | 30 ग्राम |
बिलासपुर | 35 ग्राम |
👉 कुल: 135 ग्राम
📌 द्वितीय चरण (वर्ष 2018-19)
इस चरण में छत्तीसगढ़ के 909 नए गाँवों को योजना में शामिल किया गया।
📦 योजना के प्रमुख घटक
सड़क, बिजली, पानी, शौचालय जैसे आधारभूत ढांचे का निर्माण
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों का विस्तार
महिला सशक्तिकरण एवं कौशल विकास
सामाजिक समरसता, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण
डिजिटल इंडिया से जुड़ाव और सूचना तकनीक का प्रसार
📈 अपेक्षित परिणाम
सामाजिक भेदभाव में कमी
SC समुदाय की गुणवत्ता युक्त जीवनशैली
ग्रामों का संतुलित और समावेशी विकास
आत्मनिर्भर और प्रेरणादायक ग्राम मॉडल की स्थापना
🔎 योजना क्यों विशेष है?
यह केवल आधारभूत सुविधाओं तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है।
SC बहुल गांवों को एकीकृत विकास के साथ आत्मनिर्भर बनाना इस योजना का मूल लक्ष्य है।
📌 नोट: यह योजना SC समुदाय के लिए केंद्र सरकार द्वारा विशेष रूप से डिज़ाइन की गई है। इससे सामाजिक न्याय और विकास के बीच समरसता स्थापित होती है।