जानिए सरस्वती सायकल सहायता योजना 2024-25 के तहत पात्रता, लाभ, चयन प्रक्रिया और कितनी छात्राओं को लाभ मिला। यह छत्तीसगढ़ की छात्राओं के लिए एक राज्य पोषित योजना है।
📅 योजना की शुरुआत
विवरण | जानकारी |
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प्रारंभ वर्ष | 2004 (वित्तीय वर्ष 2004-05) |
संचालक विभाग | स्कूल शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ |
कार्यक्षेत्र | सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य |
वित्तीय प्रकार | राज्य पोषित योजना |
🎯 योजना का उद्देश्य
सरस्वती सायकल सहायता योजना का उद्देश्य शिक्षा को हर छात्रा तक पहुँचाना है, विशेषकर अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाली छात्राओं को शाला तक आने-जाने में मदद प्रदान करना।
प्रमुख उद्देश्य:
दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाली बालिकाओं को स्कूल तक पहुँचने के लिए सायकल उपलब्ध कराना
बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देना
ड्रॉपआउट दर (स्कूल छोड़ने की दर) में कमी लाना
👧 पात्रता (पात्र हितग्राही)
इस योजना के तहत लाभ पाने के लिए निम्नलिखित छात्राएँ पात्र होती हैं:
कक्षा 9वीं में अध्ययनरत छात्राएँ
अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) या BPL (गरीबी रेखा के नीचे) परिवार से संबंधित
शासकीय विद्यालयों या अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत
🎁 लाभ – क्या मिलता है?
लाभ विवरण | जानकारी |
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सायकल वितरण | कक्षा 9वीं की पात्र छात्राओं को निःशुल्क सायकल प्रदान की जाती है। |
लाभ स्वरूप | एक बार का प्रत्यक्ष लाभ (One-time benefit) |
✅ चयन प्रक्रिया
प्राचार्य द्वारा चयन किया जाता है।
जाति प्रमाण पत्र (SC/ST के लिए) और बीपीएल कार्ड के आधार पर पात्रता सुनिश्चित की जाती है।
पात्र छात्राओं की सूची तैयार कर विभाग को भेजी जाती है।
📊 अद्यतन आँकड़े (Economic Survey 2024-25 के अनुसार)
वर्ष | लाभान्वित छात्राएँ |
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2023-24 | 1,64,700 छात्राएँ |
👉 यह आँकड़ा दर्शाता है कि यह योजना राज्य की लाखों छात्राओं के लिए आत्मनिर्भरता और शिक्षा का माध्यम बन चुकी है।
🌟 योजना की विशेषताएँ
छात्राओं में शैक्षणिक आत्मविश्वास और स्वतंत्रता की भावना विकसित होती है
ग्रामीण और दूरवर्ती क्षेत्रों की बालिकाओं को स्कूल पहुँचने में सुविधा
बालिका सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत पहल
छात्राओं की उपस्थिति और शिक्षा में निरंतरता बनी रहती है
📄 निष्कर्ष
सरस्वती सायकल सहायता योजना छत्तीसगढ़ की उन बेटियों के लिए वरदान है जो शिक्षा पाना चाहती हैं लेकिन परिवहन की कमी बाधा बनती है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी छात्रा केवल आने-जाने की समस्या के कारण शिक्षा से वंचित न रह जाए।