छत्तीसगढ़ की स्थानीय शासन व्यवस्था, ग्रामीण विकास, और नगरीय विकास को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था – ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान की स्थापना। यह संस्थान नीति, प्रशिक्षण, और शोध के क्षेत्र में अपनी गंभीर भूमिका के कारण आज छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक ढांचे का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है।
📅 प्रमुख तिथियाँ
घटना | तिथि |
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🔹 शिलान्यास | 24 अक्टूबर 2001 |
🔹 उद्घाटन | 30 अप्रैल 2005 |
🔹 उद्घाटनकर्ता | डॉ. मनमोहन सिंह (PM) |
🔹 स्थान | निमोरा, रायपुर (छ.ग.) |
🎯 संस्थान का मिशन
“समावेशी एवं संवहनीय विकास के लिए नये उपयोगी ज्ञान का सृजन एवं प्रसार करते हुए संस्थान को एक विश्वस्तरीय उत्कृष्ट ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित करना।”
यह मिशन संस्थान की दूरदृष्टि को दर्शाता है – एक ऐसा केंद्र बनाना, जो नीति-निर्माताओं, अधिकारियों, और आमजन को सशक्त बनाए।
🎯 मुख्य उद्देश्य
✅ स्थानीय शासन, ग्रामीण विकास एवं नगरीय विकास से संबंधित प्रशिक्षण, शिक्षण, शोध, एवं सलाह प्रदान करना।
✅ स्थानीय शासन प्रणाली में सुधार लाना और ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए आदर्श नीति और क्रियान्वयन सहयोग प्रदान करना।
✅ निर्वाचित जनप्रतिनिधि, शासकीय सेवक, एवं स्वैच्छिक संस्थाओं से जुड़े व्यक्तियों की प्रशासनिक एवं योजनागत क्षमता का विकास करना।
📚 कार्य क्षेत्र
ठाकुर प्यारेलाल संस्थान केवल एक शैक्षणिक केंद्र नहीं, बल्कि यह एक बहु-आयामी नीति एवं प्रशिक्षण संस्थान है। इसके कार्यों में शामिल हैं:
स्थानीय स्वशासन पर शोध
ई-गवर्नेंस और योजना निर्माण में सहयोग
पंचायती राज प्रणाली का प्रशिक्षण
महिला और जनजातीय प्रतिनिधियों का सशक्तिकरण
स्मार्ट ग्राम और नगरीय योजनाओं का मॉडल विकास
📍 स्थान की विशेषता
यह संस्थान रायपुर जिले के निमोरा क्षेत्र में स्थित है – शहरी हलचल से दूर, शांत और प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त वातावरण में बना यह परिसर आधुनिक सुविधाओं से युक्त है।
📖 परीक्षा उपयोगी तथ्य
बिंदु | जानकारी |
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🔹 नाम | ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान |
🔹 शिलान्यास | 24 अक्टूबर 2001 (डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा) |
🔹 उद्घाटन | 30 अप्रैल 2005 (डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा) |
🔹 स्थान | निमोरा, रायपुर |
🔹 उद्देश्य | प्रशिक्षण, शोध, और शासन सुधार |
🔍 निष्कर्ष
ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के लिए स्थानीय शासन प्रशिक्षण और ग्रामीण नीति शोध का एक आदर्श मॉडल बन चुका है। यह संस्थान राज्य के विकास को नीतिगत सोच और व्यावहारिक प्रशिक्षण से सशक्त बना रहा है।